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मई दिवस

मई दिवस। 

मजदूर नहीं मजबूर किसी से ,
 खुद परिवार पालता है ।
रोज-रोज वह मेहनत करता, 
रोज कमाता खाता है।

 बड़े-बड़े वह शहर बनाता,
 झोपड़ पट्टी बास करे ।
 रेशम ऊनी कपड़े बुनता ,
फटे हाल वह भेष धरे ।

गाड़ी रेल हवाई पटरी  ,
खुद पैदल चल देता है  ।
जग को जगमग खुशियां देता ,
अंधकार सह लेता है।

 स्वाभिमान ना खोने देता  ,
ना टुकड़ों में बिकता है ।
 मेहनत से ना नजर हटाता ,
नव इतिहास व रचता है। 

गुम नाम मौत स्वीकार उसे ,
चोरी चुगली दूर रहे ।
मेहनत पर ही जीवन वारे ,
मेहनत पर ही नाज रहे ।

य "अनजान" मजदूर हमारा,
 करता धरता मालिक है ।
 इज्जत करना इनकी सीखो ,
 सारे जग का पालिक है।

 स्वरचित
 डॉक्टर रामभरोसा पटेल "अनजान" 
शिक्षक व साहित्यकार 
आकाशवाणी, दूरदर्शन गीतकार 
बजरंग नगर कालोनी छतरपुर म प्र

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2 Comments

Varsha_Upadhyay

03-May-2024 11:09 PM

Nice

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Babita patel

03-May-2024 09:38 AM

Amazing

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